यूपी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय पर योगी के शहर गोरखपुर में पथराव
PT News ( गोरखपुर ): यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में यूपी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के ऊपर पथराव की खबर है। पांडेय गोरखपुर के विरासत गलियारे में गये थे। यहां मुआवजे की मांग को लेकर चल रहे विवाद में सपा और भाजपा कार्यकर्ता आमने सामने आ गए हैं। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय की काफिले की गाड़ी पर पथराव हो गया। विधायक ग्रामीण विपिन सिंह के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बुधवार को सपा के प्रतिनिधिमंडल को लेकर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय व्यापारियों से मिलने पहुंचे। इसे लेकर भाजपा के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। विधायक ग्रामीण विपिन सिंह, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता समेत बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष का विरोध शुरू कर दिया। इसी दौरान नार्मल स्कूल के पास नेता प्रतिपक्ष के काफिले में शामिल गाड़ी पर पथराव हो गया। पथराव के विरोध में सपा कार्यकर्ता नार्मल स्कूल के पास धरने पर बैठ गए। इसमें पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी भी शामिल रहे।
मुआवजा को लेकर व्यापारियों का आरोप
गोरखपुर के धर्मशाला बाजार, नखास होते हुए घंटाघर तक पीडब्ल्यूडी द्वारा विरासत गलियारा विकसित किया जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर दुकानों को तोड़ा जा रहा है। व्यापारियों का आरोप है कि जमीन की कीमत के मुकाबले मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है। व्यापारियों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पिछले दिनों देर रात निरीक्षण कर मुआवजे को लेकर आश्वासन दिया था। मंगलवार की देर रात विधायक ग्रामीण विपिन सिंह ने व्यापारियों से अलग-अलग वार्ता की, जिसमें निर्णय लिया गया कि व्यापारियों को उचित मुआवजा मिलेगा। इसके लिए शुक्रवार से कैंप लगाकर विवादों के निस्तारण का दावा किया जा रहा है। इसी को लेकर विवाद हुआ।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा ‘हाता नहीं भाता और पीडीए नहीं लुभाता’
गोरखपुर के दौरे के दौरान उप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व वरिष्ठ समाजवादी नेता माता प्रसाद पांडेय जी एवं लाल बिहारी यादव जी पर असामाजिक तत्वों का हमला घोर निंदनीय है। यदि लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के जन संपर्क एवं जन समस्याओं की सुनवाई पर सत्ता संरक्षित अराजकतत्वों तत्वों द्वारा प्राणघातक प्रहार होगा तो ये अराजकता का राज ही कहलाएगा। आरोपियों के विरुद्ध पक्षपातहीन कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो अन्यथा ये माना जाएगा कि ये ‘हाता नहीं भाता और पीडीए नहीं लुभाता’ का एक ऐसा प्रकरण है जिसके पीछे सोची-समझी साज़िश रची गयी थी।
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