Tripathi Gyanendra ( लखनऊ ): योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने योगी और भाजपा की साख को दांव पर लगाने की ठान ली है। योगी के मंत्री के लिए योगी और भाजपा से बड़ी साख मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी की है। यह मैं नहीं कह रहा हूं। ओमप्रकाश राजभर का बयान कह रहा है। योगी जिस मुख्तार अंसारी की बरबादी को अपनी खास उपलब्धियों में एक बता नैरेटिव गढ़ते हैं उसी के बेटे अब्बास अंसारी की हाइकोर्ट में पैरवी करने का एलान कर योगी के मंत्री ओमप्रकाश ने एक साथ योगी और भाजपा की साख को दांव पर लगा दिया है।
आप को मालूम है
विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी ने मऊ विधानसभा सीट पर अधिकारियों के खिलाफ हेट स्पीच दी थी। एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले में अब्बास को दो साल की सजा दी है। ऐसे में अब्बास को विधान सभा की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया है। इसी सदस्यता को बचाने के लिए योगी के मंत्री ओमप्रकाश अब अब्बास के लिए हाईकोर्ट जाने की बात कह रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर का कहा कि हम न्याय के लिए हाईकोर्ट में जायेंगे। हमारी पार्टी न्याय पालिका का सम्मान करती है। हमें लगता है कि उपरी अदालत से राहत मिल सकती है इसलिए इस फैसले के खिलाफ हम उपरी अदालत में अपील करेंगे।
साख का सवाल
दरअसल अब्बास अंसारी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक थे। सुभासपा 2022 विधानसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थी। उस चुनाव में सुभासपा मुखिया ओपी राजभर ने अखिलेश यादव के साथ चुनाव लड़ा था। म ऊं विधानसभा सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सुभासपा ने प्रत्याशी बनाया था। चुनाव के दौरान ही अब्बास अंसारी ने एक चुनावी सभा में एक विवादित बयान दे दिया। अब्बास अंसारी ने खुले मंच से अखिलेश यादव का बगैर नाम लिए कहा था कि भैया से बात हो गई है, सबका हिसाब किताब लिया जाएगा। इस विवादित बयान को बीजेपी ने उस समय खूब भुनाया था। बीजेपी ने सपा को माफियाओं को संरक्षण देने वाली और खुद को पाक-साफ पार्टी साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा था। इतना नहीं अब्बास के पिता मुख्तार अंसारी की बरबादी को योगी ने अपनी सरकार की खास उपलब्धियों में से एक बताया था। जेल में हार्ट अटैक से हुई मुख्तार अंसारी की मौत पर जब योगी से एक कार्यक्रम में सवाल पूछा गया कि समाजवादी पार्टी और विपक्ष की ओर से मुख्तार को जेल में जहर देकर मारे जाने का आरोप लगाया जा रहा है तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मुख्तार अंसारी को मरना तो था ही।
परिस्थितियों की सियासत
अब परिस्थिति बदली हुई है। ओमप्रकाश राजभर सपा के बजाय भाजपा के साथ हैं और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। जब वह सपा छोड़ भाजपा के साथ आए थे तब उन्होंने इस मुद्दे को यह कहते हुए टाल दिया था कि मुख्तार का बेटा उनकी पार्टी से सपा कोटे से विधायक बना था यानी सिंबल तो उनका था लेकिन अब्बास कैंडिडेट अखिलेश यादव का था। लेकिन अब जो अब्बास की पैरवी करने की बात ओमप्रकाश राजभर ने की है उससे साफ है कि मुख्तार अंसारी का यह बेटा अब्बास अंसारी ओमप्रकाश राजभर के लिए भाजपा और योगी की साख से बड़ा है। यह बात यहीं खत्म होने वाली नहीं है, क्योंकि रिक्त हुई मऊ सीट पर उप चुनाव होना तय है और इस चुनाव में यह उसी तरह से मुद्दा बनने वाला है जैसे 2022 के चुनाव में बना था। अंतर सिर्फ इतना है कि तब मुख्तार अंसारी के इस बेटे को लेकर सपा पर भाजपा हमलावर थी और इस बार भाजपा पर पूरा विपक्ष हमला करेगा।