रात को सफर, नेपाल लक्ष्य, गाजीपुर कैसे पहुंची बेवफा सोनम

रात को सफर, नेपाल लक्ष्य, गाजीपुर कैसे पहुंची बेवफा सोनम

PT News ( सेंट्रल डेस्क ): राजा रघुवंशी मर्डर मिस्ट्री में सोनम का बेवफा हो जाना। दो टके के नौकर के प्यार में हमसफ़र के सफर को मौत के घाट पर पहुंचा देना कोई एक सामान्य घटना नहीं है। ये पूरी कहानी रिश्तों के भीतर पलती साजिश की गवाही है। इंदौर के राजा और सोनम की शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से बड़ी धूमधाम से हुई थी। राजा शादी से खुश था। सोनम खुश नहीं थी। वह दिखावा कर रही थी। सोनम के दिल-दिमाग में राज चल रहा था। राज दो टके का नौकर। राज ब्याह पूर्व का प्यार। राज प्यार के लिए पति को इहलोक से परलोक भेज देने का। नतीजतन पिता की फैक्टरी में काम करने वाले राज के प्यार में पागल सोनम परिवार के खिलाफ नहीं गई, शादी के लिए तैयार हो गई, लेकिन पति राजा रघुवंशी को रास्ते से हटाने की साजिश के साथ।

शादी के बाद साजिश के साथ, इंदौर टू शिलांग

साजिश को अंजाम देने के लिए सोनम और राज ने शिलांग को ठिकाना चुना। इसी के तहत सोनम ने राजा को हनीमून के लिए शिलांग जाने के लिए मनाया। दोनों ने राजा की हत्या के लिए भाड़े पर तीन हत्यारे किए। खुद शिलांग न जाकर राज ने तीनों हत्यारों आकाश राजपूत, विशाल चौहान व आनंद कुर्मी को इंदौर से ही सोनम-राजा के पीछे लगा दिया। शिलांग में राजा ने जहां से स्कूटर किराये पर लिया वहीं से हत्यारों ने भी बाइक किराये पर ली। तीनों ने खुद को मध्यप्रदेश का बताकर राजा का विश्वास जीता और साथ में घूमने लगे।

गाइड बना साजिश का गवाह,  आसान हुआ पुलिस का काम

तीनों हत्यारों को राजा और सोनम के साथ एक गाइड ने भी देखा। यह पुलिस के लिए अहम साबित हुआ। सोनम के सामने ही हत्यारों ने राजा की सोहरा स्थित बंद पार्किंग यार्ड में धारदार हथियार से हत्या की। इसके बाद राजा के शव को खाई में फेंक दिया। शव ठिकाने लगाने के बाद तीनों हत्यारे अलग हो गए।

शादी के पहले, शादी के बाद, घंटों बात

सोनम के पिता देवी सिंह रघुवंशी और भाई गोविंद की छोटी सी प्लाईवुड की फैक्टरी है। सोनम से पांच साल छोटा राज फैक्टरी में अकाउंटेट का काम करता था। सोनम यहां एचआर का काम करती थी। इससे दोनों में मुलाकात होती रही और नजदीकियां बढ़ गईं। पुलिस ने सोनम और राजा की कॉल डिटेल खंगाली तो पता चला कि सोनम शादी से पहले और बाद में राज से घंटों तक। 

 नेपाल भागने की फिराक में थी बेवफा सोनम

दावा किया जा रहा है कि सोनम हफ्तेभर से सिर्फ रात में ही सफर कर रही थी। वह वाराणसी से गोरखपुर जाने वाली बस में सवार थी। वहां से वह नेपाल भागने की फिराक में थी। सोनम नौ लाख रुपये नकद और शादी में मिले गहने लेकर शिलांग गई थी। इन पैसों की मदद से वह इतने दिन तक बचती फिर रही थी। सोनम हत्या के बाद नेपाल भागने की फिराक में थी। दो अन्य युवकों ने इतने दिनों तक उसकी छिपने और यात्राएं करने में मदद की। इतनी बड़ी मात्रा में नकदी और गहने ले जाने से भी पुलिस को सोनम पर शक बढ़ा था।

हत्यारे पकड़े गए तो कर दिया नाटकीय समर्पण 

शिलांग में राजा बैग लेकर निकला था, लेकिन सोनम नहीं चाहती थी कि बैग भी साथ में रहे। इसलिए उसने एक होमस्टे देखा और राजा को वहां कमरा लेने के लिए राजी किया। वहां के सीसीटीवी फुटेज में सोनम बार-बार फोन चेक करती नजर आई। जब राजा बैग रखने अंदर गया, तो सोनम ने दस, पंद्रह कदम दूर जाकर फोन पर किसी से बात की और राजा के बाहर आते ही उसके पास आ गई। सीसीटीवी फुटेज में सोनम तनाव में नजर आ रही है। सोनम लगातार हत्यारों के संपर्क में थी। इस बीच तीनों हत्यारों के पकड़े जाने की खबर मीडिया में सुर्खियां बनीं तो सोनम ने गाजीपुर में नाटकीय ढंग से आत्मसमर्पण कर दिया। शिलांग के पूर्वी खासी हिल्स के एसपी विवेक सिम ने दावा किया है कि जल्द ही पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश होगा।


घटनाक्रम भी बने सुराग, पुलिस को मिली मदद

23 मई को सोनम ने सास से बात की। दोपहर बाद दोनों के फोन अचानक बंद हो गए। इससे सवाल खड़े हुए। पुलिस ने इसे जांच में लिया। हत्या के बाद हथियार भी राजा के शव के पास मिला। यदि हत्यारों को सोनम को भी मारना होता तो सोनम के लिए भी उसी का इस्तेमाल करते। इससे पुलिस समझ गई कि सोनम की हत्या नहीं हुई है। वह लापता है। सोनम ने पूरी साजिश रची थी। उसी ने गुवाहटी के लिए प्लेन के टिकट बुक कराए थे। पर, वापसी के टिकट नहीं बुक कराए थे। यह तथ्य भी सवाल खड़े कर रहे थे।

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