सर्वर हैक कर मांगी क्रिफ्टो करेंसी, न देने पर सर्वर नष्ट करने की धमकी

सर्वर हैक कर मांगी क्रिफ्टो करेंसी, न देने पर सर्वर नष्ट करने की धमकी

PT News (गोरखपुर): गोरखपुर की दो बड़ी कंपनियों पर साइबर अपराधियों ने साइबर अटैक किया है। उनके सर्वर को हैक कर लिया है। ये दो कंपनियां रामरायमा मार्केटिंग व गौरी ट्रेडिंग कंपनी हैं। उनके सर्वर को हैक कर साइबर अपराधियों ने क्रिफ्टो करेंसी में फिरौती मांगी है। धमकी दी है कि उन्हें फिरौती नहीं मिली तो वे सर्वर को नष्ट कर देंगे। गोरखपुर में साइबर अटैक का अपनी तरह का यह पहला मामला है। सर्वर हैक होने के बाद से कंपनी के आईटी विशेषज्ञ नया डेटा नेटवर्क तैयार करने में जुटे हैं लेकिन दो दिन से कंपनी का कामकाज प्रभावित है। कंपनियों के मालिक व उनके परिवार का व्यक्तिगत डेटा भी हैक किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि उसका दुरुपयोग भी हो सकता है। इस मामले में पीड़ितों की तहरीर पर अज्ञात साइबर अपराधियों पर साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है। 29 मई को सर्वर में हैकर्स की इंट्री का पता चला महानगर के हरिओमनगर निवासी संजय रामरायका मरैक ने साइबर थाने में केस दर्ज कराया है। उनका कहना है कि उनकी दोनों कंपनी तेल व शुगर के खरीद-फरोख्त के बिजनेस में हैं। उनका कहना है कि सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक हुआ। जिससे कंपनी का पूरा डेटा करप्ट हो गया। कंपनी की आईटी टीम ने 29 मई की सुबह यह पता लगाया कि आंतरिक सर्वर सिस्टम में हैकर्स की इंट्री हो चुकी है। मलेशियर साफ्टवेयर से डेटा करप्ट किया जांच में यह बात सामने आयी कि मलेशियर सॉफ्टवेयर द्वारा पूरे डेटा को करप्ट कर दिया गया। साइबर अपराधियों ने एक फिरौती संदेश सर्वर पर छोड़ दिया। उन्होंने क्रफ्टो करेंसी में भुगतान की मांग की है। हैकर्स का कहना है कि ऐसा होने के बाद ही वे डिस्क्रिप्शन कमांड (डेटा को खोलने का पासवर्ड) देंगे। व्यापारी ने बताया कि साइबर अटैक के कारण कंपनी का काफी कामकाज प्रभावित हुआ है।


क्या होता है रैनसमवेयर अटैक 

रैनसमवेयर अटैक एक ऐसा साइबर हमला है जिसमें हैकर्स आपकी फाइलों या सिस्टम को एन्क्रिप्ट कर देते हैं (सुरक्षित कर देते हैं) और उन्हें वापस खोलने के लिए आपसे फिरौती की मांग करते हैं। एक बार जब रैनसमवेयर आपके सिस्टम को संक्रमित कर देता है, तो आपकी फाइलें लॉक हो जाती हैं और आप उन्हें एक्सेस नहीं कर सकते। हैकर्स फिर आपसे फिरौती का भुगतान करने को कहते हैं, ताकि वे आपको आपकी फ़ाइलों तक वापस एक्सेस करने के लिए डिस्क्रिप्शन की (डिस्क्रिप्शन कुंजी) दे सकें।)

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